Wednesday, December 30, 2009

पूजन एवं साधना सामग्री

साधक और साधना के बीच माध्यम है साधना सामग्री। माध्यम अगर प्राण प्रतिष्ठित, शुद्ध, चैतन्य एवं उच्चता लिए हुए है तो साधक साधना मार्ग में अपेक्षाकृत ज्यादा सफलता प्राप्त करता है एवं अपने इष्ट को आसानी से साध लेता है। पारद की चर्चा हुई तो विशुद्ध पारद ही देंगे। रुद्राक्ष कहा तो रुद्राक्ष ही देंगे भद्राक्ष नहीं। स्फटिक कहा तो स्फटिक ही देंगे, कांच नहीं। श्वेतार्क कहा तो उच्चकोटि का श्वेतार्क ही देंगे। यही साधना सिद्धि विज्ञान केंद्र की परंपरा है। देंगे तो उच्चकोटि का देंगे, अन्यथा नहीं देंगे। पारद श्री यन्त्र, पारद गणपति, सबसे दुर्लभ पारद योनि, पारद काली, पारद दुर्गा सौ प्रतिशत शुद्ध होंगी। इसके साथ ही दो मुखी से लेकर चोदह मुखी तक प्राण-प्रतिष्ठित रुद्राक्ष, गणेश रुद्राक्ष, योनि रुद्राक्ष, कमल रुद्राक्ष, रुद्राक्ष मालाएं, स्फटिक मालाएं, ताम्र पत्र पर निर्मित हर प्रकार के यन्त्र, हाथाजोड़ी, दक्षिणावर्ती शंख, गोमुखी शंख, एकाक्षी नारियल, श्वेतार्क गणपति, शिव पीताम्बर इत्यादि से लेकर अनेकों प्रकार की गोपनीय, परम दुर्लभ तांत्रोक्त जड़ी बूटियाँ इत्यादि साधक प्राप्त कर सकते हैं। केवल शिष्यों और साधकों को ही सामग्री दी जाती है, अन्य किसी को नहीं।

5 comments:

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  3. Dear Friend,
    Please remove the post related to parad, on your site.gurudham had given instructions in this regard and speak to gurudham on phone no. 0755-4204000

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  4. Agar koi sadhak garib hai to is prakar ki sadhna samagri kha se layega to kya sadhna nhi krega

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